इंदौर। अभी तक पति द्वारा पत्नी को भरण-पोषण भत्ता देने के मामले सामने आए हैं, लेकिन इंदौर में पढ़ाई छूटने और बेरोजगार हुए पति को उसकी पत्नी पांच हजार रुपए महीना भरण पोषण भत्ता देगी। बुधवार को यह फैसला फैमिली कोर्ट ने सुनाया। पति ने पत्नी की वजह से पढ़ाई छूटने और बेरोजगार होने का हवाला दिया था।
पति के एडवोकेट मनीष झारोले ने बताया उज्जैन के 23 वर्षीय अमन की दोस्ती 22 साल की नंदिनी से 2020 में हुई थी। दोनों ने जुलाई 2021 में आर्य समाज मंदिर में लव मैरिज कर ली थी और इंदौर में ही किराए के मकान में रहने लगे थे। शादी के बाद नंदिनी अमन को परेशान करने लगी थी। उससे तंग आकर अमन शादी के दो माह बाद ही नंदिनी को छोडक़र माता-पिता के पास चला गया था।
पत्नी ने घरेलू हिंसा का केस लगा दिया था
अमन के घर छोडक़र जाने पर नंदिनी ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। अमन ने अपने परिजन को पूरी बात बताई। उसने वकील के माध्यम से पहले पुलिस थाने में शिकायत की। इसके बाद फैमिली कोर्ट में केस लगा दिया। इधर, नंदिनी ने भी अमन पर घरेलू हिंसा का केस लगा दिया। उसने कोर्ट में कहा कि वह अमन के साथ रहना चाहती है।
पति ने कहा- पत्नी का ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय, मैं बेरोजगार
अमन की तरफ से कोर्ट में तर्क रखा गया कि पत्नी नंदिनी का ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय है। वह ग्रेज्युएट है, जबकि मैं 12 वीं तक पढ़ा हूं। मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया था, नंदिनी के कारण मेरी पढ़ाई छूट गई। मैं बेरोजगार हूं। अमन ने कोर्ट को यह भी बताया कि मैं नंदिनी की प्रताडऩा से तंग आ गया था। उसके साथ रहने में मुझे घुटन महसूस होने लगी थी। ऐसा लगता था जैसे मेरा अपहरण कर उसके साथ रहने को मजबूर किया गया। नंदिनी के माता-पिता भी मुझे परेशान करते थे।
पत्नी ने भी खुद को बताया बेरोजगार
इधर, नंदिनी ने भी खुद को बेरोजगार हुए कहा कि मैं भरण-पोषण भत्ता नहीं दे सकती हूं। नंदिनी के इस तर्क पर अमन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जब नंदिनी ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, तब पुलिस को बताया था कि वह ब्यूटी पार्लर चलाती है। कोर्ट में नंदिनी ने कहा था कि वह अमन के साथ रहना चाहती है, लेकिन कोर्ट ने उसकी दलील खारिज कर दी।
Good हरि भाई 🙏🙏🙏