उज्जैन। प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर भगवान की आरतियों के समय में परंपरानुसार चैत्र कष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक परिवर्तन होता है। इसी के तहत आज मंगलवार से भगवान की आरतियों में परिवर्तन किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बाबा महाकाल की प्रथम भस्मार्ती तड़के 4 से 6 बजे तक, द्वितीय दद्योदक आरती प्रात: 7 से 7:45 बजे तक, तृतीय भोग आरती प्रात: 10 से 10:45 बजे तक, चतुर्थ संध्या पूजन सायं 5 से 5:45 बजे तक, पंचम संध्या आरती सायं 7 से 07:45 बजे व शयन आरती रात्रि 10:30 ये 11 बजे तक होगी। वहीं भस्मार्ती, संध्या पूजन एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर होगी।
बाबा को मखाने की माला पहनाई, पगड़ी भी बांधी
श्री महाकालेश्वर मंदिर में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा मंगलवार तडक़े भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारी ने गर्भगृह में सभी भगवान की मूर्तियों का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन अर्चन किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। आज प्रतिपदा की भस्मआरती में बाबा महाकाल को नवीन मुकुट पहनाकर सूर्य, चंद्र और चंदन का तिलक लगाकर श्रृंगार किया गया। श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई और भोग भी लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।