छह लाख से अधिक मानव जीन के अध्ययन से तलाशा जाएगा मरीजों का सटीक इलाज

-एम्स में ओमिक्स फॉर क्लीनिक ए प्रिसिशन मेडिसिन प्राइमर पर सीएमई का शुभारंभ

भोपाल, 13 अगस्त. एम्स भोपाल में मंगलवार 13 अगस्त को ओमिक्स फॉर क्लीनिक – ए प्रिसिशन मेडिसिन प्राइमर विषय पर दो दिवसीय चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस सीएमई का उद्घाटन एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ) अजय सिंह ने किया.

इस अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा, प्रिसिशन मेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है. इस क्षेत्र में अधिकाधिक शोध कार्य करने की आवश्यकता है जिससे कि मरीजों का अधिक प्रभावी इलाज किया जा सके. तीव्र और प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए हमें रोगी के डीएनए को रूप बेहतर रूप से समझना होगा. साथ ही हमें विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के साथ सहयोगात्मक रूप से जुडऩा होगा, जिससे कि प्रिसिशन मेडिसिन चिकित्सा को जनसंख्या के बड़े भाग तक पहुंचाया जा सके. प्रिसिशन मेडिसिन के ऊपर विदेशों में कई शोध कार्य चल रहे है. भारत में एम्स भोपाल इन शोध कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.

इस सीएमई में फार्माकोजीनोमिक्स, ऑन्कोलॉजी, मानसिक स्वास्थ्य और दीर्घकालिक मेटाबोलिक से संबंधित बीमारियों में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रिसिशन मेडिसिन की भूमिका पर विचार किया जाएगा. इसमें देश-विदेश के शोधकर्ता एवं विशेषज्ञ अपने अनुभव और विचार साझा करेंगे. प्रिसिशन मेडिसिन के इस शोध कार्य में ६ लाख से अधिक मानव जीन का अध्ययन किया जाएगा। जिसके आधार पर मरीजों का सटीक इलाज की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

एम्स भोपाल के प्रिसिशन मेडिसिन केंद्र के प्रमुख डॉ. देबासीस बिस्वास ने कहा, प्रिसिशन मेडिसिन पारंपरिक चिकित्सा के तरीके से अलग होती है और यह अधिक लक्षित और प्रभावी उपचार प्रदान करती है. यह सीएमई चिकित्सा अभ्यास में प्रिसिशन मेडिसिन की समझ और अनुप्रयोग में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *