भोपाल। जीवन दायिनी मां नर्मदा की वजह से हम सब खुशहाल हैं। आज 16 फरवरी को उनका जन्मोत्सव है। उद्गम स्थल अमरकंटक से लेकर सभी घाटों पर पवित्र नदी मां नर्मदा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। लाखों भक्त आज स्नान कर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। नर्मदा घाटों पर हर-हर नर्मदे, भजन-कीर्तन गूंज रहे हैं। उनके प्रति हर हिंदुओं के मन में गहरी आस्था है। उनकी कृपा की वजह नर्मदा किनारे रहने वालों को भरपूर जल मिल रहा है। हमारे खेतों में फसलें लहलहा रहीं हैं। भोपाल, इंदौर के लाखों लोगों की प्यास भी पवित्र नर्मदा जल से बुझ रही है। कई उद्योग-धंधे भी इसी से चल रहे हैं।
कैसे हुई नर्मदा जी उत्पत्ति
नर्मदा जी देश की प्रमुख नदियों में से एक है। रामायण, महाभारत सहित अन्य ग्रंथों में उनका वर्णन मिलता है।पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान शिव ने राक्षसों से लड़ते समय देवताओं या दिव्य प्राणियों को उनके पापों से मुक्त करने के लिए अपने पसीने से नर्मदा जी की उत्पत्ति की। तभी भगवान शंकर ने नामकरण करते हुए कहा-देवी तुमने हमारे मन को हर्षित कर दिया, इसलिए तुम्हारा नाम नर्मदा। मां नर्मदा को रेवा भी कहा जाता है। दूसरी पौराणिक कथा यह भी है कि मैकल पर्वत पर भगवान शिव ने एक कन्या को अवतरित किया, जिसका नामकरण भगवान विष्णु एवं अन्य देवताओं ने नर्मदा किया।