बरेली ( उत्तरप्रदेश)। बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली तीन तलाक पीडि़त एक मुस्लिम महिला ने 1100 किमी दूर उत्तरप्रदेश के बरेली पहुंचकर वैलेंटाइन डे के दिन शुक्रवार को एक हिंदू युवक से मंदिर में शादी कर हिंदू धर्म अपना लिया। नसीमा खातून ने अपना नाम रखा मीनाक्षी। वह अपनी एक मासूम बेटी को भी साथ लेकर आई है। युवक ने कहा- उसे मैं अपनी बेटी की तरह पालूंगा।
सोशल मीडिया पर दोस्ती प्यार में बदली
नसीमा को उसके पति ने तीन तलाक दे दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से उसकी पहचान उत्तरप्रदेश के बरेली के महेश शर्मा से हुई, दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया।
स्वेच्छा से किया धर्म परिवर्तन: नसीमा
नसीमा अपनी मासूम बेटी को लेकर ट्रेन से बरेली पहुंचीं। फिर उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करते हुए एक आश्रम में महेश शर्मा से हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार शादी कर ली। आश्रम के आचार्य ने नसीमा का नामकरण मीनाक्षी शर्मा किया। इस दौरान युवक के परिजन भी मौजूद थे। इस शादी से नसीमा उर्फ मीनाक्षी काफी खुश है। वहीं महेश के परिजन भी काफी खुश है। नसीमा द्वारा दिया गया एक शपथ पत्र भी सामने आया है, जिसमें उसने कहा है कि उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है, किसी तरह के दबाव या जोर जबरदस्ती से इनकार किया है। मीनाक्षी उर्फ नसीमा ने कहा कि उनकी बेटी जब हुई तो ससुराल वाले प्रताडि़त करने लगे। मैंने जब विरोध किया तो मुझे मारपीट कर तीन तलाक दे दिया। उसके बाद घर से निकाल दिया। कुछ समय बीता तो खुद ही संदेश भिजवाने लगे कि अगर साथ रहना है तो हलाला करना पड़ेगा।
मीनाक्षी ने कहा- उसकी आस्था सनातन धर्म में
महेश के साथ सात फेरे लेकर उसकी दुल्हन बनी नसीमा उर्फ मीनाक्षी ने कहा कि- उनके पूर्वज हिंदू ही थे। प्रताडऩा के कारण वह इस्लाम से जुड़े थे। सनातन धर्म में आस्था और विश्वास है। इसलिए घर में वापसी की है। उसने कहा कि इस शादी उसके घर वाले खुश नहीं हैं, उसने डीएम, पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।