बैतूल। केंद्रीय ट्रेड यूनियन, योजना कर्मियों के राष्ट्रीय फेडरेशन और स्वतंत्र यूनियन के संयुक्त आह्वान पर शुक्रवार 16 फरवरी को जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर हड़ताल की। उन्होंने जिला मुख्यालय पर रैली निकाली और धरना प्रदर्शन कर सरकार से 26 हजार रुपये प्रति माह वेतन और 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के नाम महिला एवं बाल विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
धरना-प्रदर्शन यूनियन की जिला अध्यक्ष सुनीता राजपाल के नेतृत्व में आयोजित हुआ, जिसमें यूनियन की उपाध्यक्ष आशा सुरजे, संगीता डेहरिया, महासचिव पुष्पा वाईकर, सचिव इंद्रा भारद्वाज, सहायक महासचिव रेखा काले, कोषाध्यक्ष संगीता कनाठे, किरण चौधरी, साजिदा खान, प्रेमता धुर्वे, संगीता जावलकर, काशी नागले, रीना अकोतिया, ज्ञानवती झोड, पिंकी कटारे सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका उपस्थित थीं।
धरना स्थल पर यूनियन के संरक्षक कामरेड कुन्दन राजपाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार देश की जनता को गुमराह कर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रही है, जबकि देश में बढ़ती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गुण्डागर्दी, मंहगाई के मुद्दे पर कोई बात नहीं करती है। 2014 के पहले पूरे देश में घूमकर जनता से वादे किये थे कि देश में व्याप्त भ्रष्टाचार, मंहगाई, बेरोजगारी, गुण्डागर्दी, विदेशों में जमा काले धन को देश में लाएंगे। वे मुद्दे सब धरे के धरे रह गए, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गुण्डागर्दी, मंहगाई, लूट खसोट से आम जनता त्रस्त है। महिलाओं पर अत्याचार चरम पर है। अधिकारों के लिये धरना प्रर्दशन करना पड़ता है। देश का हर वर्ग चाहे वह मजदूर, किसान, बस, ट्रक, टैक्सी, ऑटो चालक हो, महिलाएं हो सभी त्रस्त है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने महिला बाल विकास विभाग के केंद्रीय बजट में की गई 300 करोड़ की कटौती की पूर्ति भी तत्काल करने की मांग की, ताकि आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।