भोपाल। मध्य प्रदेश के पर्यावरण विभाग ने प्रदेश में चाइनीज मांझा और उसके निर्माण में उपयोगी पदार्थों से बने सिंथेटिक धागे के बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पांच साल तक का कारावास और या एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकेगा।
केवल सूती धागे से उड़ा सकेंगे पतंग
पर्यावरण विभाग ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए चाइनीज मांझा सहित नायलान, प्लास्टिक या सिंथेटिक से बने पतंग उड़ाने वाले धागे एवं अन्य किसी पतंग उड़ाने वाले धागे जो सिंथेटिक से लेपित है और नान- बायोडिग्रेडिबल है इसके निर्माण, बिक्री, भंडारण, खरीद, आपूर्ति, आयात और उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है केवल सूती धागे से पतंग उड़ाने की अनुमति होगी। आदेश का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पांच साल तक का कारावास और या एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकेगा।
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने इस संबंध में आदेश दिए थे। इसमें कहा था कि पतंगबाजी के दौरान पतंग आसमान में कट जाती हैं, पतंग के साथ-साथ ये सभी कटे हुए धागे जमीन पर ही रह जाते हैं। इससे पशु-पक्षी भी कई बार इस धागे से घायल हो जाते हैं। इस आधार पर पर्यावरण विभाग ने अधिसूचना जारी की है। इसके अंतर्गत प्रावधान के उल्लंघन पर जिला कलेक्टर, वन परिक्षेत्र अधिकारी और उससे ऊपर के वन अधिकारी, पुलिस एसआई और उससे ऊपर के पुलिस अधिकारी तथा नगर निगम के आयुक्त एवं नगर पालिका के सीएमओ एवं अन्य स्थानीय निकायों के अधिकारी कार्रवाई कर सकेंगे। अब केवल ऐसे सूती धागे से पतंग उड़ाने की अनुमति होगी, जो किसी भी तेज, धात्विक, कांच के टुकड़ों, चिपकने वाले पदार्थ, धागे को मजबूत करने वाली सामग्रियों से मुक्त हो।
वर्ष 2017 में लगी थी रोक
वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( NGT) ने चाइनीज मांझे के बेचने पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की थी। अब मध्य प्रदेश में भी पर्यावरण विभाग ने प्रतिबंध लगाए हैं।
मांझे से हो चुकी कई घटनाएं
जनवरी में धार में बाइक पर बैठकर जा रहे लुनियापुरा निवासी विनोद चौहान के पुत्र कनिष्क का गला चाइनीज मांझे से कटने से मौत हो गई थी। छिंदवाड़ा में पुराने कुंडीपुरा थाने के पास मारई निवासी बाइक सवार सतीश यादव का गला चाइनीज मांझे से बुरी तरह कट गया था। दूसरे के चेहरे पर घाव हो गया था। इसके पहले भी प्रदेश में कई घटनाएं हो चुकी हैं।