उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु बाबा महाकाल के शीघ्र दर्शन नहीं कर सकेंगे। मंदिर समिति ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शीघ्र दर्शन टिकट व्यवस्था को बंद रखने का निर्णय लिया है। वहीं दूसरी ओर 8 और 9 मार्च को भस्म आरती के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी बंद कर दी गई है। श्रद्धालुओं को भस्म आरती की अनुमति प्रशासनिक कार्यालय के पास स्थित बुकिंग काउंटर से ऑफलाइन प्रदान की जाएगी।
महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं के लिए यह रहेगी व्यवस्था
मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार दर्शन के लिए व्यवस्था निर्धारित की गई है। इसके तहत श्रद्धालुओं को नृसिंह घाट से चारधाम मंदिर, शक्तिपथ, महाकाल महालोक होते हुए मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु मंदिर के नए टनल मार्ग से गणेश मंडप पहुंचेंगे और भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। इसके बाद नए निर्गम द्वार से बाहर निकलकर बड़े गणेश, हरसिद्धि चौराहा होते हुए चारधाम आश्रम पहुंचकर अपने गंतव्य के लिए रवाना होंगे। मंदिर प्रबंधन समिति को महाशिवरात्रि पर देशभर से लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
महाकाल को 144 करोड़ से अधिक का दान
भगवान महाकाल के दर्शन करने के दौरान श्रद्धालुओं ने पिछले 10 महीने में 144 करोड़ से अधिक का दान किया है। पिछले 10 वर्ष की तुलना में यह अब तक का सबसे अधिक दान है। महाकाल के लोकार्पण के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है और चार गुना बढ़ोतरी हुई है। जानकारी के मुताबिक बीते 41 दिन में एक करोड़ 20 लाख श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए हैं। प्रतिदिन महाकाल मंदिर में डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। विशेष पर्व के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या 5 से 8 लाख तक पहुंच जाती है।
भगवान महाकाल को श्रद्धालु ने चढ़ाया चांदी का झूमर
श्री महाकालेश्वर मंदिर में उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से आए एक श्रद्धालु ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में चांदी का पांच मंजिल झूमर (छत्र) भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पित किया है। मंदिर प्रबंध समिति ने दानदाता का सम्मान किया और रसीद प्रदान की।