भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में गुरुवार को हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट मामले में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने विस्फोट मामले की न्यायिक जांच की मांग की, जिसे नहीं मानने पर विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी। वहीं दूसरी ओर हरदा के कांग्रेस विधायक आरके दोगने दिखावटी सुतली बम की माला पहनकर पहुंचे थे।
विपक्ष ने सदन से कर दिया वाकआउट
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने विस्फोट मामले में कांग्रेस द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में कहा कि मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग के दौरान सूचना मिली कि हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ है। उसका वीडियो देखकर ऐसा लगा मानो परमाणु बम फूट गया हो। तत्काल मंत्री उदय प्रताप सिंह को दो वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हरदा भेजा और राहत काय में पूरी टीम को भेजा। मुख्यमंत्री ने ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए पक्ष-विपक्ष की समिति बनाने की बात कही। लेकिन विपक्ष ने न्यायिक जांच की घोषणा नहीं किए जाने पर लीपापोती का आरोप लगाते हुए वाकआउट कर दिया। वहीं हरदा विधायक दोगने ने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि फैक्ट्री मालिक को मेरा संरक्षण था तो मुझे फांसी की सजा होनी चाहिए, जो वहां मंत्री था, उसका संरक्षण फैक्ट्री मालिक को था तो उसे भी फांसी सजा होना चाहिए। इसके पहले जब सुरक्षाकमियों ने विधायक दोगने को सदन में जाने से रोका तो उन्होंने कहा कि यह कागज की माला है, बम नहीं।
दरअसल, उन्होंने जो माला पहनी थी, वह सुतली बम जैसी दिख रही थी, लेकिन उसमें बारूद नहीं था।
तो अधिकारी निरीक्षण करने क्यों जाएं: सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि जब अधिकारियों के पास 5-10 लाख रुपये आ रहे थे तो वे निरीक्षण करने के लिए क्यों जाएं। जब नियम है कि छह माह या एक साल में निरीक्षण करने का है तो फिर क्यों नहीं किया गया। खानापूति के लिए अधिकारी हटाए जाते है।