सारनी। केंद्रीय ट्रेड यूनियन से मिलकर बने संयुक्त मोर्चा ने शुक्रवार 16 फरवरी को डब्ल्यूसीएल में एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए बुधवार को पाथाखेड़ा क्षेत्र के सामुदायिक भवन में कोयला खदान कर्मियों की सभा हुई।
36 कोयला खदानें अलाट हुई थीं, 9 कोयला शुरू हो सकी
सभा में एचएमएस यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष शिवकुमार यादव ने कहा वर्ष 2017 में 36 कोयला खदानें अलाट हुई थीं। 2024 में अब तक महज 9 कोयला खदान ही शुरू हो सकी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार और कोयला प्रबंधन विभिन्न स्वीकृति नहीं मिलना बताकर चालू कोयला खदानों को बंद कर रहे हैं। इतना ही नहीं 44 श्रम कानून को चार कानून में तब्दील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पेंच और उमरेड की खदानों की स्वीकृति नहीं मिलना बता कर बंद की गई है। यह एक सोची समझी साजिश है। श्री यादव ने कहा कि हम कामगारों का ही विश्वास नहीं जीत पा रहे। उन्होंने यह बात इसलिए कही, क्योंकि पांच यूनियन मिलकर भी सरकार की मजदूर, किसान और उद्योग विरोधी नीतियों का खुलकर विरोध करने एकजुट नहीं हो पा रही हैं। सभा को एटा के केंद्रीय पदाधिकारी रामकेरा यादव, इंटर के केंद्रीय पदाधिकारी नरेश बर्वे और सीटू के केंद्रीय अध्यक्ष जगदीश डिगरसे ने भी संबोधित किया।
संयुक्त मोर्चा मांग रहा समर्थन
राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने एटक, एचएमएस, इंटक और सीटू यूनियन से मिलकर बने संयुक्त मोर्चा द्वारा पाथाखेड़ा क्षेत्र के व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, कोयला खदानों में कार्यरत निजी कंपनियों से समर्थन मांगा जा रहा है। दरअसल, कंपनी प्रबंधन द्वारा हड़ताल के बावजूद निजी कंपनियों और मजदूरों से कोयला उत्पादन कराया जाएगा। इसको गंभीरता से लेकर संयुक्त मोर्चा के नेताओं द्वारा सभी से हड़ताल को सफल बनाने आग्रह किया जा रहा है।