भोपाल। हरदा के मगरधा रोड स्थित बैरागढ़ गांव में मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के तीसरे दिन गुरुवार को एक और महिला का शव मिला है, अब मृतको की संख्या 12 हो गई है हादसे के दूसरे दिन बुधवार को आग पर काबू पा लिया था सभी मृतकों के शव दफना दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री के पास एक घर में महिला का शव मिला है। फैक्ट्री के आसपास करीब 50 घरों को नुकसान पहुंचा है। राज्य शासन ने बुधवार को कलेक्टर और एसपी को हटा दिया था। इसके बाद कारखाना निरीक्षक व औद्योगिक स्थापना एवं सुरक्षा विभाग सागर संभाग के सहायक संचालक नवीन कुमार बरवा को निलंबित कर दिया है। बरवा हरदा पटाखा फैक्ट्री को 2015 में निरीक्षण के दौरान अवैध होने का न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदा के समक्ष केस लगाने और फिर समन के बाद भी पेशी पर नहीं पहुंचा था।
आसपास के खेतों की फसलों को नुकसान
पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से उड़े मलबा, कांक्रीट और पत्थरों से आसपास के खेतों की फसलों को नुकसान पहुंचा है।ज्यादातर मरीजों को मलबे के टुकड़े लगने से गंभीर चोट आई है। जलने वाले लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। बुधवार को मुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़त परिवारों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। इसके पूर्व ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के घटनास्थल तक न आने पर नाराजगी जताते हुए खंडवा- नर्मदापुरम राज्य राजमार्ग जाम लगाया था।
9 साल पहले निरीक्षण में माना अवैध
कारखाना निरीक्षक नवीन कुमार बरवा ने 5 जुलाई 2015 और 8 जुलाई 2015 को बरवा ने हरदा मगरधा रोड़ बैरागढ़ ग्राम के अग्रवाल फायर वर्क्स का निरीक्षण किया था। इसमें फैक्ट्री का संचालन बिना लाइसेंस के साथ विस्फोटक सामग्री का निर्माण एवं भंडारण और अग्निशामक सुरक्षा यंत्रों की उपलब्धता नियमानुसार नहीं रखने तथा अग्नि दुर्घटना को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं का अभाव तथा अनुमोदित इमरजेंसी प्लान नहीं होने के प्रावधानों का उल्लंघन पाया था। इस मामले में कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 6 एवं 7 सपठित मप्र कारखाना नियमावली 1962 की धारा 92 के अधीन दण्डनीय मामला पाए जाने पर राजेश अग्रवाल कारखाना प्रबंधक एवं अन्य के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदा के समक्ष केस लगाया था।
समन के बाद भी नहीं पहुंचा था पेशी पर
इस प्रकरण में न्यायालय के सामने आरोपों को सिद्ध करने की जिम्मेदारी बरवा पर ही थी। इसके बावजूद बरवा कई बार समन/जमानती वारंट/गिरफ्तारी वारंट जारी होने और उनके मोबाइल पर सूचना भेजने के बावजूद साक्ष्य के साथ उपस्थित नहीं हुए। इससे कारण मुख्य न्यायिक मजिस्टेट हरदा को फरवरी 2023 में आरोपी राजेश अग्रवाल को दोष मुक्त कर दिया। वहीं, न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदा ने बरवा के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए थे।