नई दिल्ली। सरकार की सख्ती के बावजूद किसान दिल्ली जाने के लिए अड़े हुए हैं। किसान सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। बताया जाता है कि आंदोलनकारी किसान अपने साथ पत्थर तोडऩे के औजार, पर्याप्त डीजल और छह माह का राशन तक लेकर चल रहे हैं।
इधर खबर है कि हरियाणा के शंभू बार्डर पर किसान आक्रोशित हो गए हैं। वे पथराव कर रहे हैं। उन्हें खदेडऩे के लिए पुलिस लगातार आंसू गैस के गोले दाग रही है और रबर की गोलियां चला रही है। इसमें 13 से अधिक लोग घायल हुए हैं। किसानों ने बैरिकेडिंग भी उखडऩा शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को पंजाब में ही रोके रखा है, लेकिन हालात कभी भी बेकाबू हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन को लेकर पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि बल प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए। किसानों से चर्चा कर मसले का हल निकालें। नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होना चाहिए। केंद्र के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।
किसान नेता सरकार से चर्चा का दौर जारी रखें
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। किसानों ने जब भी मांग रखी हमने सहमति जताई है। चर्चा के दौरान नए मुद्दे जुड़ते जाएंगे, इसमें समय तो लगेगा। केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा नहीं करने, उग्र न होने की अपील करते हुए किसान नेताओं से कहा कि वे सरकार से बातचीत का दौर जारी रखें।