रायसेन। मेर मेहर समाज ने अब मृत्यु भोज की परंपरा को बंद करने का फैसला लिया है। मेर मेहर समाज के प्रदेश अध्यक्ष मनोहर मेहर के इस प्रस्ताव पर समाजजनों ने अपनी सहमति जताई। पिछले दिनों संस्कार विहार कॉलोनी वार्ड 13 के निवासी शिक्षक महेश मेहर के पिता ज्ञान सिंह मेहर का निधन होने के बाद उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए मेर मेहर समाज के प्रदेश अध्यक्ष मनोहर मेहर ने समाज जनों के सामने मृत्यु भोज बंद करने का प्रस्ताव रखा था ।जिसे सभी समाजजनों ने स्वीकार कर लिया।
पिछले दिनों संस्कार विहार कॉलोनी वार्ड 13 के निवासी शिक्षक महेश मेहर के पिता ज्ञान सिंह मेहर का निधन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए मेर मेहर समाज के प्रदेश अध्यक्ष मनोहर मेहर ने समाज जनों के सामने मृत्यु भोज बंद करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सभी समाजजनों ने स्वीकार कर लिया।
स्व ज्ञान सिंह मेहर के पुत्र शिक्षक महेश मेहर ने बताया कि उनके पिता भी समाज में व्याप्त फिजूल खर्ची, मृत्युभोज के विरोधी थे। इसलिए वे और समाज के लोग अब मृत्युभोज पर प्रतिबंध लगाएंगे। स्वर्गीय ज्ञान सिंह मेहर की तेरहवीं में परिजनों ने मृत्युभोज नहीं कराया, ना ही पगड़ी रस्म की। श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। अन्य समाजजनों को भी इस अच्छे फैसले से प्रेरणा लेना चाहिए।