भोपाल। मध्यप्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा विभाग ने स्कूल बैग पॉलिसी लागू कर दी है। इसके तहत नए शिक्षा सत्र से सप्ताह में एक दिन कक्षा एक से 12 वीं तक के स्टूडेंट्स बिना बैग (बस्ते) के स्कूल जाएंगे। कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को होम वर्क नहीं दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने बैग का वजन भी तय कर दिया है। विभाग ने इन नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
बच्चों के बैग का वजन इतना होना चाहिए
शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों के बस्ते का वजन तय कर दिया है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार पहली कक्षा के बच्चे के बैग का अधिकतम वजन 2 किलो 200 किलोग्राम ग्राम, कक्षा 10 वीं के स्टूडेंट्स के बैग का अधिकतम वजन 4.5 किलोग्राम होना चाहिए। यह भी तय किया गया है कि पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों की पुस्तक, कापी व अन्य सामग्री स्कूल में ही रखी जाएगी।
बैग पालिसी का सख्ती से कराया जाए पालन
लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 से स्कूल बैग पॉलिसी का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि सप्ताह में एक दिन बच्चों को बिन बैग के स्कूल बुलाया और उनसे व्यावसायिक कार्य से संबंधित गतिविधियां कराई जाएं, तकि बच्चों की व्यावसायिक क्षेत्र में रुचि और ज्ञान बढ़े।
डीईओ हर तीन माह में जांचेंगे बस्ते का वजन
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) हर तीन माह में स्टूडेंट्स के बस्ते की जांच रैंडमली करेगे। डीईओ को नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
नोटिस बोर्ड पर लिखना होगा बस्ते का वजन
बैग पालिसी के अनुसार स्कूल के नोटिस बोर्ड पर बस्ते के वजन का चार्ट लगाना होगा। इस पर शाला प्रबंधन समिति नजर रखेगी। स्टूडेंट्स को प्रतिदिन सभी पुस्तक, कॉपियां नहीं लाने पड़े और बस्ते वजन बैग पॉलिसी के तहत रहे। इसके लिए शाला प्रबंधन समिति समय सारिणी बनाएगी।
इन कक्षाओं में पुस्तकें लाना अनिवार्य नहीं
शिक्षा विभाग ने कहा है कि कंप्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, खेल और कला की कक्षाओं में पुस्तकें लाना अनिवार्य नहीं है। ये कक्षाएं बगैर पुस्तकों के लगाई जाएं।